नंदिनी नगर महाविद्यालय
Nandini Nagar Mahavidyalaya
[Affiliated to Dr. RML Avadh University, Faizabad UP]
Nawabganj, Gonda, UP-271303
Campus
NCC
National Cadet Corps
भारत सरकार देश के युवाओं में चरित्र, साहचर्य, एकता एवं अनुशासन, नेतृत्व, धर्म निरपेक्ष एवं निःस्वार्थ सेवाभाव का विकास के साथ-साथ संगठित सैन्य प्रशिक्षण देना चाहती थी। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1946 में पं0 हृदय नाथ कुंजरू की अध्यक्षता में राष्ट्रीय । कैडेट कोर समिति की स्थापना की। इस समिति की सिफारिशों को स्वीकारते हुए एक बिल तैयार किया गया जो अप्रैल 1948 में संसद द्वारा पारित होकर राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम बना। इसी अधिनियम के अन्तर्गत विद्यालयोंमें राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की स्थापना हुई। इसके सफल संचालन हेतु रक्षा मंत्रालय में राष्ट्रीय __कैडेट कोर की स्थापना की गई एवं एन0सी0सी0 का गठन एवं प्रशासन सम्बन्धी नीति से सम्बन्धित मामलों पर केन्द्रीय सरकार को परामर्श देने हेतु एक केन्द्रीय सलाहकार समिति भी बनाई गई। इस समिति में रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, शिक्षा सचिव, रक्षा वित्तीय सलाहकार, तीनों सेनाओं के प्रमुख एवं संसद द्वारा चुने गये दो सदस्य और सरकार द्वारा मनोनीत पाँच सदस्य हैं।
महाविद्यालय के प्रबन्धक एवं सांसद मा0 श्री बृजभूषण शरण सिंह जी ने नन्दिनी नगर महाविद्यालय, नवाबगंज-गोण्डा में सत्र 2011-12 से एन0सी0सी0 कार्यक्रम को प्रारम्भ कराया, जिसमें ग्रुप कमाण्डर एवं कमान अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। महाविद्यालय में एन0सी0सी0 कार्यक्रम के प्रारम्भ होने से अध्ययनरत छात्र-छात्राओं - को सेना में जाने की एवं देश सेवा करने के लिए एक नई दिशा मिलेगी। इस कार्यक्रम में अण्डर आफिसर सिमरजीत कौर को महामहिम राज्यपाल श्री बी.एल. जोशी जी के कर कमलों द्वारा राज्यपाल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया, महाविद्यालय के इतिहास में निश्चित ही यह स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा। एन0सी0सी0 कार्यक्रम में महाविद्यालय के स्नातक प्रथम वर्ष के संस्थागत छात्र/छात्राएँ प्रवेश ले सकते हैं।
रोवर्सरिन्जर्स (स्काउट/गाइड) नन्दिनी नगर महाविद्यय में वर्ष 2014 से रोवर्स/ रेंजर्स कोर्स प्रारम्भ किया गया। जिसमें सभी वर्ग के छात्र/छात्राएं प्रवेश ले सकते हैं।
स्काउ गाइड/रोवर्स रेंजर्स में चयन हेतु शर्ते:
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अभ्यर्थी स्नातक/परास्नातक का संस्थागत छात्र हो।
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इच्छुक अभ्यर्थी में ग्रामीण सेवा भाव व राष्ट्र सेवा की रूचि हो।
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अभ्यर्थी में कार्य के प्रति समर्पण एवं तत्परता हो।